उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफा देने की पुरी कहानी जानिए

सरकार के संदेश अनसुने विपक्ष से तालमेल और इस्तीफे का दांव धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद छोड़ने की पुरी कहानी

 

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. सूत्रों ने बताया कि धनखड़ और सरकार के बीच लंबे वक्त से मतभेद चल रह…

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है. 21 जुलाई को संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों …

सूत्रों के अनुसार, संसद सत्र शुरू होने से 4-5 दिन पहले संसदीय कार्य मंत्री ने उपराष्ट्रपति को सूचित कर दिया था कि सरकार लोकसभा में न्यायमूर्ति वर्मा क…

इस बीच सरकार की ओर से तीन बार धनखड़ से संपर्क कर अपील की कि जो हस्ताक्षर एकत्र किए जा रहे हैं, उनमें सत्ता पक्ष के सांसदों के हस्ताक्षर भी शामिल किए ज…

कार्रवाई से पहले दिया इस्तीफा’

 

सूत्रों का कहना है कि इसके बाद सरकार की ओर से कोई भी सीधी कार्रवाई होने से पहले ही धनखड़ बिना किसी सूचना के राष्ट्रपति…

इसके अलावा धनखड़ ने मंत्रियों के कार्यालयों में अपनी तस्वीर लगाने और अपनी फ्लीट की गाड़ियों को मर्सिडीज करने के लिए दबाव डाला था. ये घटनाएं सरकार के स…

एक जुट नहीं है विपक्ष? जयराम दे रहे जगदीप धनखड़ का साथ, विपक्षी सांसदों में बंटी राय

भारतीय विपक्ष की एकजुटता हाल के घटनाक्रमों में सवालों के घेरे में है, खासकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने धनखड़ के अचानक इस्तीफे को अप्रत्याशित बताया और उनके स्वास्थ्य की कामना करते हुए कहा कि इस्तीफे के पीछे अन्य कारण भी हो सकते हैं। उन्होंने धनखड़ के फैसले पर पुनर्विचार की अपील की और प्रधानमंत्री से उन्हें मनाने का आग्रह किया। यह बयान विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के कुछ नेताओं के रुख से अलग है, जो धनखड़ पर पक्षपात का आरोप लगाते रहे हैं। पहले विपक्ष ने धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था, लेकिन बीजेडी जैसे दलों ने समर्थन नहीं दिया। कुछ विपक्षी सांसदों, जैसे इमरान मसूद और कपिल सिब्बल, ने धनखड़ के साथ अच्छे संबंधों का जिक्र किया, जबकि अन्य ने इस्तीफे को बीजेपी की रणनीति से जोड़ा। यह मतभेद विपक्षी एकता पर सवाल उठाता है, क्योंकि जहां जयराम धनखड़ का समर्थन करते दिखे, वहीं अन्य सांसदों की राय बंटी हुई है। इससे विपक्ष की रणनीति और एकजुटता की कमी उजागर होती है।